Jim Corbett National Park Travel Guide: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कैसे जाएं? जानिए बेस्ट टाइम, बजट, कहां ठहरें

Jim Corbett National Park Travel Guide

Jim Corbett National Park Travel Guide: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक बड़े कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है. यह टाइगर रिजर्व उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के रामनगर नगर के पास स्थित है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य में एक वन्यजीव अभयारण्य (wildlife sanctuary) है। वनस्पतियों और जीवों में समृद्ध, यह अपने बंगाल टाइगर्स (Bengal Tigers) के लिए जाना जाता है। ढिकाला क्षेत्र (Dhikala Zone) में बाघ, तेंदुआ और जंगली हाथियों सहित कई जानवर घूमते दिख जाएंगे।

520 वर्ग किलोमीटर में फैले इसके पूरे क्षेत्र में पहाड़ियाँ, दलदली गड्ढ़े, नदी के किनारे, घास के मैदान और बड़ी झील शामिल हैं। यह भारत के कुछ बाघ अभयारण्यों में से एक है जो रात भर यहां रुकने की अनुमति देता है। पार्क में नेचर वॉच और वाइल्डलाइफ देखने का काम खुली चौपहिया जीप (सफारी) और हाथी की पीठ पर किया जाता है। बाघों की एक स्वस्थ आबादी और ऊदबिलाव जैसी दुर्लभ प्रजातियों को आश्रय देने वाला, यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव (Jim Corbett National Park Travel Guide) प्रेमियों के लिए सबसे अधिक मांग वाले स्थलों में से एक है।

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जिम कॉर्बेट का इतिहास (History of Jim Corbett National Park in Hindi)

आपको जानकर अश्चर्य होगा कि जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park) भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है। इसे 1936 में लुप्तप्राय (बंगाल बाघ) की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था।

किसके नाम पर पड़ा जिम कॉर्बेट का नाम?

जिम कॉर्बेट का नाम जिम कॉर्बेट (Jim Corbett) के नाम पर रखा गया था। दरअसल जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875 – 19 अप्रैल 1955) एक आयरिश मूल के भारतीय लेखक व महान दार्शनिक थे। उन्होंने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने मानवीय अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा संरक्षित वनों के आंदोलन का भी प्रारंभ किया। वे नैनीताल के पास कालाढूंगी में रहते थे। कहा जाता है कि जब भी कुमाऊँ तथा गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आ जाता था तो जिम कार्बेट को बुलाया जाता था। जिम कॉर्बेट पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए खास अड्डा रहा है। इस टाइगर रिजर्व के कुछ ही क्षेत्रों में पर्यटन की इजाजत है।

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जिम कॉर्बेट कैसे पहुंचें? (How to Reach Jim Corbett)

कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचने के लिए रामनगर (Ramnagar) शायद सबसे अच्छा विकल्प है। उत्तराखंड का यह छोटा शहर दिल्ली, मुरादाबाद, नैनीताल और बरेली जैसे भारत के प्रमुख शहरों के साथ सड़क और रेल नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। एक बार जब आप रामनगर पहुंच जाते हैं तो कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचने में सिर्फ आधा घंटा लगता है। पार्क रामनगर रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।

जिम कॉर्बेट फ्लाइट से कैसे पहुंचें? (How to Reach Jim Corbett By Flight)

कॉर्बेट नेशनल पार्क में कोई हवाई अड्डा नहीं है, हालांकि, अगर हवाई मार्ग से पहुंचने की योजना है, तो निकटतम पंतनगर हवाई अड्डा है। पंतनगर हवाई अड्डा उधम सिंह नगर जिले का एक हिस्सा है और कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगभग 123 किलोमीटर दूर है। कॉर्बेट के साथ, हवाई अड्डा कुमाऊं हिमालय में नैनीताल (65 किमी), भीमताल (50 किमी), रानीखेत (110 किमी) और अल्मोड़ा (120 किमी) जैसे अन्य आकर्षणों तक पहुंच प्रदान करता है।

यदि आपका यात्रा कार्यक्रम पंतनगर हवाई अड्डे पर उतरने वाली उड़ानों से मेल नहीं खाता है, तो आप देहरादून हवाई अड्डे के पास आने वाली उड़ानों की तलाश कर सकते हैं, जो कॉर्बेट से 182 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, श्रीनगर, चेन्नई, हैदराबाद और कोच्चि जैसे भारत के प्रमुख स्थलों के लिए निर्धारित उड़ानें प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए, निकटतम विकल्प कॉर्बेट से 260 किलोमीटर दूर दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ही है।

जिम कॉर्बेट ट्रेन से कैसे पहुंचें? (How to Reach Jim Corbett By Train)

जिम कॉर्बेट ट्रेन से पहुंचना काफी आसान है। दरअसल इस पार्क के बेहद करीब रामनगर शहर है। रामनगर स्थित रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुरादाबाद और बरेली से जुड़ा हुआ है जहां से इस शहर में ट्रेनें आती हैं। रामनगर के लिए सीधी ट्रेन दिल्ली से चलती है। आप रानीखेत एक्सप्रेस, कॉर्बेट लिंक एक्सप्रेस और काठगोदाम एक्सप्रेस देख सकते हैं जो आपको सीधे रामनगर ले जाती है। (IRCTC पर चेक करें)

जिम कॉर्बेट बस या रोड से कैसे पहुंचें? (How to Reach Jim Corbett By Road and Bus)

रामनगर में सड़क का बहुत अच्छा नेटवर्क है जो विभिन्न शहरों को जोड़ता है। कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगभग 260 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड की राज्य सरकार दिल्ली, मुरादाबाद, हल्दवानी और नैनीताल से थोड़े समय के अंतराल पर बसें चलाती है जो सीधे कॉर्बेट पहुँचती हैं। यानी आपको जिम कॉर्बेट पहुंचने के लिए ज्यादा मसक्कत नहीं करनी पड़ेगी और यहां के लिए बसें आसानी से मिल जाती हैं।

जिम कॉर्बेट किस लिए प्रसिद्ध है? (What is Jim Corbett famous for?)

हिमालय की तलहटी में स्थित, नैनीताल के लोकप्रिय हिल-स्टेशन के पास, सुंदर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, बड़ी संख्या में बाघों का घर होने के लिए प्रसिद्ध है, जो किसी भी भारतीय राष्ट्रीय उद्यान में सबसे अधिक है। यानी की इस पार्क में पूरे भारत में सबसे ज्यादा बाघ हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय और मौसम (Best Time and Season to Visit Jim Corbett National Park)

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यदि आप प्रकृति की खूबसूरती से भरे इस क्षेत्र में एक रोमांचक छुट्टी बिताने की योजना बना रहे हैं, तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time and Season to Visit Jim Corbett National Park) नवंबर से फरवरी (November to February) के महीने का है। यही वह समय होता है जब यह क्षेत्र सबसे अच्छे मौसम के साथ सर्दियों का लुफ्त उठाता है और पर्यटकों के देखने और एंजॉय करने के लिए सभी क्षेत्र खुले होते हैं।

नवंबर से फरवरी के महीनों के दौरान, रॉयल बंगाल टाइगर को देखने के लिए पार्क में सबसे लोकप्रिय क्षेत्र ढिकाला और बिरजानी रीजन पर्यटकों के लिए खुले रहते हैं। अधिकांश जानवर इस मौसम में गर्मियों के बाद अपने छिपने से बाहर निकल आते हैं। इसके अलावा, इस मौसम में सड़कें सबसे अच्छी स्थिति में होती हैं क्योंकि मानसून के चलते अक्सर पार्क बंद कर दिया जाता है। इसलिए ये महीने पर्यटन के लिए एक अच्छा समय माना जाता है। यह वह जगह है जहाँ आप कई लुप्तप्राय जानवरों को देख सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता से मोहित हो सकते हैं।

गर्मियों में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park in Summer)

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में गर्मी का मौसम अप्रैल से जून के महीने में देखा जाता है।

इस समय आपको हरी-भरी हरियाली देखने को मिलती है। हालांकि गर्मियों के दौरान तापमान आमतौर पर 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है। वैसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा के लिए यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि सभी पांच रीजन इस दौरान खुले होते हैं। अधिकतर, पर्यटकों के लिए धूप असहनीय हो सकती है लेकिन अक्सर बारिश होती रहती है जो शाम के मौसम को खुशनुमा बना देती है।

मानसून में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park in Monsoon)

जुलाई से सितंबर का महीना मानसून का महीना माना जाता है जब जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बारिश की बौछारें देखी जाती हैं। आपको इस समय क्यों जाना चाहिए: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा करने और बजट की छुट्टी मनाने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान होता है।

चूंकि होटल और रिसॉर्ट की कीमतों में छूट दी गई होती है, इसलिए इस समय के दौरान अपनी जेब पर बोझ बढ़ाए बिना एक शानदार छुट्टी की योजना बना सकते हैं। यह ऑफ सीजन है और अगर आप भागदौड़ से बचना चाहते हैं तो आप भीड़ से भी बच सकते हैं। मानसून के मौसम के दौरान, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को एक नया जीवन मिलता है क्योंकि यह तब होता है जब आसपास का वातावरण हरा-भरा दिखता है।

हालांकि मिट्टी के कटाव और भूस्खलन के कारण साहसिक गतिविधियों के लिए बाहर जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन मानसून का मौसम रोमांच चाहने वालों के लिए एक परम आनंद है। हालांकि, मानसून के मौसम के दौरान यात्रा की योजना बनाने से पहले इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि पार्क के अंदर की अधिकांश सड़कें बारिश के कारण बह जाती हैं और झिरना और ढेला जैसे क्षेत्र ही केवल मेहमानों के लिए खुले होते हैं।

सर्दियों में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park in Winter)

जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि जम कॉर्बेट जाने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा रहता है। सर्दियों के मौसम को देखने के लिए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जाने के लिए अक्टूबर से फरवरी सबसे अच्छे महीने हैं। इस दौरान पर्यटक पक्षियों को देखने का एक अच्छा समय होता है और कई स्तनधारियों और सरीसृपों को भी देख सकते हैं। यहां देखने के लिए सबसे प्रमुख जानवर रॉयल बंगाल टाइगर है।

इस मौसम में तापमान लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और राष्ट्रीय उद्यान घूमने के लिए दिन काफी सुखद होते हैं। सर्दियों के दौरान, रॉयल बंगाल टाइगर्स को देखने का सबसे अच्छा मौका होता है, जो खुले में धूप सेंकने के लिए बाहर निकलते हैं। इस मौसम के दौरान कई जानवरों को देखा जा सकता है।

जिम कॉर्बेट का सबसे बेस्ट जोन कौन सा है? (Which is the best zone of Jim Corbett?)

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे बेस्ट जोन ढिकाला है। दरअसल इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कॉर्बेट नेशनल पार्क को पांच अलग-अलग क्षेत्रों यानी जोन में विभाजित किया गया है। ये पार्क के चिह्नित बफर या मुख्य क्षेत्र हैं जहां आगंतुक यानी विजिटर्स वन्यजीव सफारी का हिस्सा बन सकते हैं और करीब से जानवरों की दिलचस्प एक्टिविटी का आनंद ले सकते हैं।

सबसे पहले तो आप इन जोन्स के बारे में जान लीजिए फिर हम आपको ढिकाला जोन के बारे में बताते हैं।

बिजरानी सफारी जोन (Bijrani Safari Zone): अपनी प्रचुर प्राकृतिक सुंदरता और खुले घास के मैदानों के कारण बिजरानी क्षेत्र बहुत लोकप्रिय पर्यटन केंद्र है। इस जोन का प्रवेश द्वार रामनगर शहर से मात्र 01 किमी की दूरी पर स्थित है।

झिरना सफारी ज़ोन (Jhirna Safari Zone): जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में झिरना एक और महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र है जो साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है। झिरना गेट रामनगर शहर से 16 किमी की दूरी पर स्थित है।

ढेला सफारी जोन (Dhela Safari Zone): ढेला नवंबर 2014 में टाइगर रिजर्व जोन में शामिल कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक नया इको टूरिज्म जोन है। कॉर्बेट में पर्यटकों के लिए खुला टाइगर रिजर्व के बफर जोन में यह एकमात्र क्षेत्र है। यह क्षेत्र अपने समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो पूरे वर्ष खुला रहता है और रामनगर शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

दुर्गा देवी ज़ोन (Durga Devi Zone): जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित, दुर्गा देवी ज़ोन उन लोगों के लिए धरती पर स्वर्ग है जो पक्षी देखने के शौकीन हैं। प्रवेश द्वार रामनगर शहर से लगभग 36 किमी की दूरी पर स्थित है।

सीताबनी बफर जोन (Sitabani Buffer Zone): सीताबनी जोन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। यदि आप प्राकृतिक सुंदरता के शांत वातावरण के शौकीन हैं, तो सीताबनी क्षेत्र की यात्रा अवश्य करें।

ढिकाला ज़ोन (Dhikala Zone) – अब बात करते हैं वर्ल्ड फेमस ढिकाला ज़ोन (Dhikala Zone) की। ढिकाला जोन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का सबसे बेस्ट जोन माना जाता है। हालांकि ढिकाला जोन हर साल 15 नवंबर के बार ही खुलता है। ढिकाला ज़ोन (Dhikala Zone) – कॉर्बेट में सबसे बड़ा और सबसे अधिक जंगल-सफारी क्षेत्र होने के कारण, ढिकाला अपनी प्रचुर प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ विदेशी जीवों के लिए सबसे अच्छी दृष्टि प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। प्रवेश द्वार रामनगर शहर से 18 किमी दूर है। हार्ड कोर वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए ढिकाला पर्यटन क्षेत्र के अंदर एक रात रुकने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इस जोन की खास बात ये है कि आप यहां रातभर रुक भी सकते हैं। बता दें कि पूरे भारत में ये इकलौता स्थान है जहां नेशनल पार्क के अंदर रात बिताने दी जाती है।

जरूरी बात: ढिकाला फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में रात में ठहरने के लिए, भारतीय और SAARC देशों के आगंतुकों को ढिकाला फॉरेस्ट लॉज में 46 दिन पहले और विदेशियों को 91 दिन पहले आवास बुक करना होगा। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप ढिकाला फॉरेस्ट लॉज नहीं गए हैं तो भारत की वन्यजीव यात्रा अधूरी है। इसलिए, यदि आप एक शानदार छुट्टी बिताने का सपना देख रहे हैं और इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो ढिकाला जरूर जाएं।

यदि आप वन्यजीव उत्साही हैं, तो कॉर्बेट नेशनल पार्क में ढिकाला का वन्यजीव दौरा आपको व्यस्त रखेगा क्योंकि यह स्तनधारियों और सरीसृपों की कई प्रजातियों का घर है और यह आपके लिए रॉयल बंगाल टाइगर को देखने का अवसर हो सकता है। कॉर्बेट भारत के कुछ राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो रात को जंगल के बीच में रहने की अनुमति देता है।

ढिकाला फॉरेस्ट लॉज के छह अलग-अलग विंग को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है (Dhikala Forest Lodge wings)

  1. Old Forest Rest House (Number of Room -05)
  2. Dhikala Annexes ( Number of Rooms – 07)
  3. Hutment ( Number of Rooms – 06)
  4. Cabins ( Number of Rooms – 06)
  5. New Forest Rest House ( Number of Rooms – 04)
  6. Old Range Quarters ( Number of Rooms – 04)

बिजरानी, ​​गैराल, झिरना और कांडा वन विश्राम गृहों में भी ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। सरकार ने हाल के वर्षों में अतिरिक्त एनेक्स और डॉर्मिटरी शुरू करके रुकने की जगहों में वृद्धि की है। इन सभी वन विश्राम गृहों में सौर बिजली की बाड़ लगी है जो पर्यटकों को सुरक्षित रखती है।

कैसे बुक करें ढिकाला ज़ोन (Dhikala Zone Booking Online)

Dhikala Zone Booking Online
Dhikala Zone Booking Online

ढिकाला ज़ोन (Dhikala Zone Booking Online) में ऑनलाइन बुकिंग के लिए आपको उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट https://www.corbettonline.uk.gov.in/ पर लॉग इन करना होगा। इसके कई ट्रैवल कंपनियां भी बुकिंग की सुविधा देती हैं। आप वहां से भी बुक कर सकते हैं। प्राइस का ज्यादा अंतर नहीं होगा।

ढिकाला फॉरेस्ट लॉज प्राइस – एक रात (Dhikala Forest Lodge Price – ONE NIGHT)

Customized forIndian NationalRoom Allotment
2 PersonsRs. 8000/- per personOne Room
3 PersonsRs. 6800/- per personOne Room + Extra Bed
4 PersonsRs. 6000/- per personTwo Rooms
5 PersonsRs. 5500/- per person2 Rooms + 1 Extra Bed
6 PersonsRs. 5200/- per person3 Rooms / 2 Triple Bed Rooms

NOTE: ऊपर दिए गए प्राइस ट्रैवल कंपनी के मुताबिक है। इनमें बदलाव होना संभव है। कृप्या आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करें।

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